रविवार, 3 दिसंबर 2017

दिल ही में सिमट जाएंगी

आईना देखके जब याद मेरी आएगी
साथ गुज़री मुलाक़ात याद दिलाएगी

जब यादें भावनाओं का ज्वार उठायेंगी
तुम्हीं बताओ वो शाम कैसे गुज़र पायेगी

आँखों आँखों में ही कह देंगे सारी बातें
 रात तारों की छाँव में ही कट जायेगी

सारी कटुता भूलकर दूरी मिट जायेगी
सब ख़्वाहिशें दिल ही में सिमट जाएंगी
@मीना गुलियानी 

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