शनिवार, 3 मार्च 2018

साये से लिपटा जा रहा हूँ

शीशे का महल बना रहा हूँ
दिल अपना बहला रहा हूँ

मेरे सीने में बहुत दर्द भरा है
सबसे उसको छिपा रहा हूँ

सारा ज़माना है मुझसे बेखबर
उसको मैं आईना दिखा रहा हूँ

सबके ज़ज्बात पत्थर से हो गए
अपने ज़ख्मों को सहला रहा हूँ

किसी से शिकवा गिला न मुझे
अपने साये से लिपटा जा रहा हूँ
@मीना गुलियानी 

4 टिप्‍पणियां:

  1. bahut dukh hai mere sene main
    phir bhi main muskura rha hoon
    2apni chot ko ,jmane se chipa kr
    sb ka dil behla rha hoon

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  2. u tube pr yh geet dhoondh lo--ashkon mein jo paya hai woh geeton mein diya hai-film-chandi ki dewaar-geetkar-sahir ludhiyanvi,singer-talat mehmood,m.d-datta ram

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  3. बहुत ख़ूब ज़माने को आइना दिखा रहा हूँ ...
    अच्छे शेर ...

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