शुक्रवार, 12 अक्तूबर 2018

माता की भेंट -4 -चरणकमल से लौ लागी

अखियाँ दर्शन अनुरागी ,चरणकमल से लौ लागी

अब तो दर्श दिखा जाना 
प्यास को आके मिटा जाना 
मन मेरा बना बैरागी 

मईया जी अब न देर करो 
मन की उदासी दूर करो 
प्रीत अगन मन में जागी 

जोड़ा तुम्हरे संग नाता 
बेटी मैं हूँ तुम माता 
माँ ने क्यों ममता त्यागी 
@मीना गुलियानी 

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