शनिवार, 20 अक्तूबर 2018

दर्द से मेरा बेहाल है

तू नज़र उठाके देख तो ले तेरे सामने मेरा हाल है
तुझे कैसे मैं जुदा  करूँ मेरी जिंदगी का सवाल है

कैसे भूल जाऊँ वो पल हँसी जब तुम मिले थे राह में
वो नज़ारे अब हैं बुझे बुझे मुझे इसका ही तो मलाल है

मेरी हसरतें भी सिमट गईं जब तूने नज़रें उधर करीं
मेरी सांसें भी हैं थमी थमी तेरी नज़रों में भी सवाल है

हुए होश मेरे गम यहाँ तुझे अपना समझे थे हम यहाँ
तेरी बेरुखी ने सितम किए  दिल दर्द से मेरा बेहाल है
@मीना गुलियानी 

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