मंगलवार, 20 नवंबर 2018

जब सारा जग सोता है

कभी इस दिल ने पुकारा जो तुम्हें
पलटकर इक बार तो लौट आना
ये माना कि मुश्किल तो बहुत है
पर आसां नहीं दिल को समझाना
 ख्वाहिशें इंसान को ज़िंदा रखती हैं
 आसां होता है ऐसे हाल में मर जाना
दिल धड़कता हे जब किसी के सीने में
रहता है उसका ऐतबार जिंदा दिल में
करता है पल पल किसी का इन्तज़ार
रहता है  सदा उसके लिए वो बेकरार
देता खुद दलीलें दिल को समझाता है
दिल है कमबख़्त कब समझ पाता है
हर आहट पे उसके आने का गुमा होता है
जागता रहता है जब सारा जग सोता है
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें