गुरुवार, 22 नवंबर 2018

मैं मिटाना चाहता हूँ

मेरा कोई नहीं है तेरे सिवा
सुनले पुकार मत देर लगा
तुम सुनके सदा मेरी आ जाओ
आ जाओ   आ जाओ  आ जाओ

गुलशन के सारे फूल भी तेरा नाम ले रहे हैं
हवा के मस्त झोंके भी जुल्फों को छू रहे हैं
रेशम से भी मुलायम तेरा हाथ छू रहे हैं

मिल जाएँ सारी खुशियाँ मिले साथ जो तुम्हारा
तेरे सिवा न इक पल मुझे जीना भी गवारा
तू ही है मेरा साहिल तू ही मेरा किनारा

तेरे दिल में इक जहाँ मैं बनाना चाहता हूँ
तुझे आज तो अपना मैं बनानां चाहता हूँ
तेरे ग़म को हमेशा मैं मिटाना चाहता हूँ
@मीना गुलियानी 

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