मंगलवार, 29 जनवरी 2019

कृपा से उसकी माल खज़ाना

बहुत ही मुश्किल होता है अवसाद से उभर पाना
कठिन होता है बिताए हुए लम्हों को भूल पाना

ये  जिंदगी हर पल सबका कड़ा इम्तेहान लेती है
आसान होता नहीं सबके लिए उसे पास कर पाना

फिर भी कुछ तकदीर और तदबीर  वाले होते हैं
जिन्हें मुमकिन हो जाता है सब कुछ कर पाना

रखते हैं वो हौंसला और पूरा विश्वास उस पर
पा जाते हैं वो सब कृपा से उसकी माल खज़ाना
@मीना गुलियानी 

8 टिप्‍पणियां:

  1. नमस्ते,

    आपकी यह प्रस्तुति BLOG "पाँच लिंकों का आनंद"
    ( http://halchalwith5links.blogspot.in ) में
    गुरुवार 31 जनवरी 2019 को प्रकाशनार्थ 1294 वें अंक में सम्मिलित की गयी है।

    प्रातः 4 बजे के उपरान्त प्रकाशित अंक अवलोकनार्थ उपलब्ध होगा।
    चर्चा में शामिल होने के लिए आप सादर आमंत्रित हैं, आइयेगा ज़रूर।
    सधन्यवाद।

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  2. बहुत ही मुश्किल होता है अवसाद से उभर पाना
    कठिन होता है बिताए हुए लम्हों को भूल पाना
    .....बिल्कुल सत्य कहा आपने......बेहतरीन रचना आदरणीया

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  3. बहुत सुंदर रचना मीना जी सराहनीय।

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  4. ये जिंदगी हर पल सबका कड़ा इम्तेहान लेती है
    आसान होता नहीं सबके लिए उसे पास कर पाना
    बहुत सुन्दर....सराहनीय....

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  5. Thanks all for ur beautiful comments and for selection of my poem for 5 links halchal.

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  6. ये जिंदगी हर पल सबका कड़ा इम्तेहान लेती है
    आसान होता नहीं सबके लिए उसे पास कर पाना
    बहुत सही बात है प्रिय मीना जी | हर कोई अवसाद की नदी को पार करने में सक्षम नहीं होता | किसी स्नेही का साथ हो तो ये मुमकिन भी है | सार्थक , सुंदर रचना केलिए हार्दिक शुभकामनायें सखी |

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  7. बहुत सही लिखा आपने प्रिय मीना जी | अवसाद की नदी को पार करना हरेक के लिए आसान नहीं पर कोई स्नेही साथ हो तो मुमकिन हो भी सकता है | सुंदर , सार्थक रचना के लिए हार्दिक शुभकामनयें सखी |

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