शुक्रवार, 18 जनवरी 2019

प्रमाद न कर

छू ले आसमान ज़मीन की तलाश न कर
जी ले अपनी जिंदगी ख़ुशी तलाश न कर

तेरी तकदीर यूँ  ही संवर जायेगी
ये बहारें फिर से लौट कर आयेंगी
 तेरे मुस्कुराने से तकरार न कर

ये उदासी भरे दिन भी गुज़र जायेंगे
चिराग जले शमा के परवाने आयेंगे
बहारें आयेंगी जीवन में ऐतबार तो कर

जीवन सुख दुःख से बना सबको छला है
जिसने कभी हारी न हिम्मत वो जीता है
ढूँढ ले अपनी खुशियों को  प्रमाद न कर
@मीना गुलियानी 

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