गुरुवार, 28 मार्च 2019

प्रेम बन्धन है

कहते हैं मन तो आईना है
यह हमेशा सच बोलता है
हँसी ग़म के भेद खोलता है
क्यों उदास हैं क्यों मन टूटता है
आज आँगन में नेह के बादल
बिन बरसे ही गुज़र गए
फूल भी खिलने को तरस गए
सूरज की किरणें भी आज
बदली में कैद हो गईं
हर आँख का इक सपना है
रिश्तों की प्रेम डोर न टूटे
यही तो प्रेम बन्धन है
@मीना गुलियानी

सोमवार, 25 मार्च 2019

प्रतिफल सौ बार मिलेगा

ज़िन्दगी की राहों में
कभी टकराव तो कभी
तनाव भी मिलेगा
कभी संबंध अच्छे बनेंगे
कहीं प्रेम का अभाव मिलेगा
कभी रिश्तों में अपनापन
कहीं टकराव खिंचाव मिलेगा
मत करना बुरा किसी का
तुझे भी अच्छा व्यवहार मिलेगा
हर कर्म का बीज जो बोया
उसका प्रतिफल सौ बार मिलेगा
@मीना गुलियानी 

शनिवार, 23 मार्च 2019

मुस्कुराती हो गुनगुनाती हो

जब तुम अपने शानों पे
ज़ुल्फों को लहराती हो
पल्लू को हवा में यूँ
मस्ती से तुम उड़ाती हो
लगता है तुम्हारे आने से
वसन्त ऋतु भी आ गई
कलियाँ भी खिल गईं
भँवरे मंडराने लगे
नई कोंपलों से शाखें
फूलों से लद गईं
आसमान की चादर भी
तारों से भर गई
हाथोँ में गुलाल लिए
फागुन के गीत गाती हो
रोज़ सपनों में आकर तुम
मुस्कुराती हो गुनगुनाती हो
  @मीना गुलियानी

गुरुवार, 21 मार्च 2019

गोपियन के संग रास रचाएँ

आसमां खुशियाँ मनाने लगा
गगन से बूँदें बरसाने लगा
धरा की भी चूनर लहराई
काली बदरिया घिरके आई
झूमने लगी यूँ डाली डाली
गाने लगी कोयलिया काली
ठण्डी मस्त चली पुरवाई
मेघों ने बारिश बरसाई
गोरी की गगरी छलकाई
छलकते पानी से भीगा तन
जाना गोरी ने आया फागुन
हाथों में उसने लिया गुलाल
कान्हा के ऊपर दिया डाल
कान्हा ने जो मारी पिचकारी
सुध बुध उसको बिसरी सारी
धीरे धीरे कान्हा मुरली बजाएँ
गोपियन  के संग रास रचाएँ
@मीना गुलियानी 

मंगलवार, 19 मार्च 2019

आया है होली का त्यौहार

आया है होली का त्यौहार
रंगों की लेके आया फुहार

मैंने अपना है तुमको बनाया
रंगलो रंग में छूटे अंहकार

जो सुख दुःख में सम रहता
उसके ही मन में आये बहार

जब ये चित्त शान्त हो जाए
मनवा तब भूले सब संसार

आओ मिलकर सब रंग लगाएँ
मानुष जन्म मिले न बारम्बार
@मीना गुलियानी