Meena's Diary
शनिवार, 31 अगस्त 2019
उसमें दीप जलाया
मैंने लफ़्ज़ को आग बनाया
उसमें मैंने रूह को तपाया
जब वो कुंदन बन निखरी
प्रेम का उसमें दीप जलाया
@मीना गुलियानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें