बुधवार, 28 अगस्त 2019

अटूट बने

कितने सौभाग्य से जीवन में
मेरे योरकोट है आया
सुबह शाम हर पल ही
ध्यान में कोलेब है छाया
समय गुज़र जाता है मेरा
पता नहीं कब होवे अँधेरा
इतना मुझको ये भाता है
मन इसमें ही रम जाता है
योरकोट और मैं दोनों ही
एक दूजे के पूरक जैसे हैं
दिन प्रतिदिन समृद्ध बने
रिश्ता इससे अटूट बने
@मीना गुलियानी

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