Meena's Diary
सोमवार, 16 सितंबर 2019
बढ़ा के बैठे हैं
कितनी ख़ुशी है आज साथ बैठे हैं
कितनी तन्हाईयाँ समेटे बैठे हैं
आज उन सबको मिटा देंगे हम
फांसले हमसे जो बढ़ा के बैठे हैं
@मीना गुलियानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें