मानव गलती पुतला कहा जाता है
उसे पल पल ठोकर भी लगती है
यदि वह ठोकर खाकर सम्भल जाए
तो वह सही मायने में इन्सान है
फिर भी न सम्भले तो उसका जीवन
व्यर्थ में ही बर्बाद हो जाता है
ठोकर से इंसान को सीख मिलती है
उसका ज्ञान बढ़ता है मार्गदर्शन होता है
और उसके जीवन में परिवर्तन होता है
@मीना गुलियानी
उसे पल पल ठोकर भी लगती है
यदि वह ठोकर खाकर सम्भल जाए
तो वह सही मायने में इन्सान है
फिर भी न सम्भले तो उसका जीवन
व्यर्थ में ही बर्बाद हो जाता है
ठोकर से इंसान को सीख मिलती है
उसका ज्ञान बढ़ता है मार्गदर्शन होता है
और उसके जीवन में परिवर्तन होता है
@मीना गुलियानी
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