मंगलवार, 29 अक्तूबर 2019

होंठ सी लें चुप रहें

कहते नहीं बनता इसलिए चुप रहे
क्या करें हम तुम्हें किस तरह कहें
दुनिया के सितम हम सहते ही रहे
तुमसे न कहें तो और किससे कहें
कुछ कहने से बात बढ़ जाती है
बेहतर यही होगा होंठ सी लें चुप रहें
@मीना गुलियानी 

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