पुरुष तुम प्रकृति बिना अपूर्ण हो
प्रकृति भी तुमसे ही पूर्ण होती है
न्रर और नारी ही सृष्टि कारक हैं
इन दोनों का मिलन रचनात्मक है
दोनों का परस्पर सहयोग जरूरी है
बिना पुरुष के नारी भी अधूरी है
शिव शक्ति के मिलन से संसार है
शक्ति बिना शिव शव समान है
नारी पुरुष की अर्द्धांगिनी कहलाती है
यही यथार्थ सत्य तथ्यात्मक है
@मीना गुलियानी
प्रकृति भी तुमसे ही पूर्ण होती है
न्रर और नारी ही सृष्टि कारक हैं
इन दोनों का मिलन रचनात्मक है
दोनों का परस्पर सहयोग जरूरी है
बिना पुरुष के नारी भी अधूरी है
शिव शक्ति के मिलन से संसार है
शक्ति बिना शिव शव समान है
नारी पुरुष की अर्द्धांगिनी कहलाती है
यही यथार्थ सत्य तथ्यात्मक है
@मीना गुलियानी
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