शनिवार, 21 दिसंबर 2019

तुमने कहा था

तुमने  कहा था किन्तु
मैंने ही गौर नहीं किया
इक सुगबुगाहट सी हुई थी
मन में भी हलचल हुई थी
वीणा के सुर बज उठे थे
पग में घुंघरू छनक उठे थे
पपीहे ने भी तान सुनाई
कोयल ने रागिनी गाई
मन मयूरा नाच उठा था
सोया दिल जाग उठा था
कंपित होंठ भी गाने लगे
हम तुम भी मुस्कुराने लगे
@मीना गुलियानी

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें