जब पतझड़ का मौसम आए
मन में सूनापन भर जाए
पतझड़ बहार फिर लेके आए
पुराने पत्ते झड़ें नए उग आए
गुलशन में फूल सभी मुस्काएँ
बहार दिल का कमल खिलाए
दिल की कली भी खिल जाए
बहार ने रंग कई हैं बिखराए
दिल झूम झूम मस्त हो जाए
मन का खालीपन भी भर जाए
@मीना गुलियानी
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