गुरुवार, 9 जनवरी 2020

हँसते खेलते हुए

हँसते खेलते हुए जिंदगी तुम बिताते रहो
रिश्तों के दरम्याँ आये फ़ासले मिटाते रहो
चेहरे की शिकन जिगर में ग़म भुलाते रहो
दुःख दर्द आफत जंजाल में मुस्कुराते रहो
कलियों जैसे तुम खिलो सुरभि लुटाते रहो
जिंदगी मस्ती से गुनगुनाते हुए बिताते रहो
@मीना गुलियानी 

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