Meena's Diary
बुधवार, 15 जनवरी 2020
मंजिल
मंजिल पर न पहुँचे तो क्या
दीदार ऐ मंजिल काफी है
सैलाब से लोहा लेने को
मौजों के इशारे काफी हैं
@मीना गुलियानी
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