मंगलवार, 25 फ़रवरी 2020

याद रखो

याद रखो जीव एक पुष्प के समान है
हमें मेहनत से गुणों को निखारना है
उसकी रक्षा करनी है उसे पनपाना है
ताकि उसकी सुगन्ध चहुँ ओर  फ़ैले
दुर्गुणों रूपी कीटाणुओं से बचाना है
उसे प्रेम से सहेजना और सींचना है
 आशा लता फूलों से बगिया महकाएं
उसकी सुगन्ध से भँवरे गुनगुनाएँ
@मीना गुलियानी 

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