शुक्रवार, 13 मार्च 2020

पलट के आजा ओ मुसाफिर

पलट के आजा ओ मुसाफिर
ये तो नहीं है तेरा ठिकाना
तुझे तो अपने घर लौट जाना
बुलाता तुझे तेरा गुज़रा जमाना
जहाँ तूने सीखा प्यार निभाना
बचपन के साथी भूल न जाना
पलट आ बुलाये ये तेरा दीवाना
@मीना गुलियानी 

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