Meena's Diary
सोमवार, 2 मार्च 2020
सोचते रहते हो क्या
सोचते रहते हो क्या रहते क्यों तुम गुमसुम
मंजिल हमारी एक है पहल मैं करुँ या तुम
@मीना गुलियानी
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