बुधवार, 4 मार्च 2020

तेरे साथ गुज़ारा लम्हा

 तेरे साथ गुज़ारा लम्हा
बीते पलों की याद है
तेरा तसव्वुर आँखों में है
दिल की धड़कन में है
सांसों की सरगम में है
पायल की रुनझुन में है
गीतों के बोलों में है
हवा की खुशबु में है
मेरे ख्वाबों में तू  है
हर जगह मौजूद है
वो लम्हा जिंदगी है
मेरी आरजू जुस्तजू है
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें