ऐ शाम हमसे कुछ तो बोल
मेरे कानों में मधुर रस घोल
जाने कब पिया जी घर आएँ
अन्तर्मन को रही मैं टटोल
बाट हेरत मोरी थकी अखियाँ
मोरी सखियाँ उड़ावें हैं मखौल
@मीना गुलियानी
मेरे कानों में मधुर रस घोल
जाने कब पिया जी घर आएँ
अन्तर्मन को रही मैं टटोल
बाट हेरत मोरी थकी अखियाँ
मोरी सखियाँ उड़ावें हैं मखौल
@मीना गुलियानी
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