शुक्रवार, 24 अप्रैल 2020

जरा सोचो

जरा सोचो
संसार दुखो का घर है
यह परिवर्तनशील है
सबका आना जाना लगा रहता है
हर तरफ महामारी का डर
सबके दिलों पर छाया है
केवल ईश्वर की शरण
उसका ध्यान ,सुमिरन ही
हमेँ महामारी के कोपभाजन
का शिकार होने से
बचा सकती है फिर देर क्यों
बुरे कर्मों को त्यागकर
अभी से अच्छे कर्म करो
घर में रहकर संयम योग
अपनाकर सुमिरन करो
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें