शनिवार, 4 अप्रैल 2020

शाम से इंतज़ार रहता है

शाम से तेरा ही इंतज़ार मुझे  रहता है
तुझसे मिलने को दिल बेकरार रहता है

तुम्हारा चेहरा सब कुछ बयां करता है
जो तुम्हारा मन गुस्ताखियाँ करता है

जज़्बातों का झरना दिल में बहता है
दिल पर धड़कन का पहरा रहता है
@मीना गुलियानी




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