रविवार, 12 अप्रैल 2020

प्रेम सीमा विहीन है

प्रेम सीमा विहीन है बंधन रहित है
जितना प्रेम करो उतना ही बढ़ता है
प्रेम का पक्का रंग ही उसपे चढ़ता है
रंग छूटता ही नहीं दिल में उतरता है
आस्था विश्वास से रब भी मिलता है
@मीना गुलियानी 

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