सोमवार, 11 मई 2020

इकरार तुम्हीं से ही चाहूँ

प्यार तो तुम्हीं से करते हैं
दिलो जां से तुमपे मरते हैं

फिर भी कहने से डरते हैं हे
कुछ दुनिया से भी डरते हैं

बिन बात न रुसवा हो जाएँ
अफ़साने बयां कहीं हो जाएँ

कहीं  सब खफा न हो जाएँ
दो दिल जुदा न हो जाएँ

ये इज़हारे मोहब्बत तुमसे
कह न पाए ये जुबां तुमसे

प्यार करते तो हैं मगर
इकरार तुम्हीं से ही चाहूँ
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें