मंगलवार, 26 मई 2020

आँसुओं की चाशनी में

आँसुओं की चाशनी में
घुल गए हैं गीत मेरे
हे विधाता तुम बताओ
होंगे कब सुख के सवेरे
विधि के संताप ने तो
दिए हैं मुझे दुःख घनेरे
आज हरलो संताप सब
काटो सारे फन्द मोरे
आई तेरे द्वार याचक
बनके हे त्रिपुरारी मोरे
@मीना गुलियानी 

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