रविवार, 31 मई 2020

रेत पर लिखा था कुछ

रेत पर लिखा था कुछ
वो पढ़ा न गया मुझसे
मिटा डाला लहरों ने उसे
 कोई कैसे पूछे तो उनसे
बता दिया कौन समझेगा
कैसे ये राज़ वो जानेगा
क्या है सबब  पहचानेगा
क्या ये प्रीत की कहानी है
रेत पे कोई बेजुबानी है
किसी की दास्तां पुरानी है
गर समझो तो समझाना
राज़ क्या है मुझे बताना
@मीना गुलियानी


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