शनिवार, 23 मई 2020

कितने दिन हुए

कितने दिन हुए तुमको देखे हुए 
हम तुम्हें देखने को तरस गए 
फूल भी खिलने को तरस गए 
बादल भी आँगन में बरस गए 
 नैना रिमझिम से बरस गए 
अकुलाये जियरा पाए न चैना
 निर्मोही सजना ढूँढे ये कँगना 
दर्श दिखाओ प्रीतम अब आओ 
काँपे हैं मोरे प्राण निकसे है जान 
धीर बँधाओ मोहे आन  बचाओ 
@मीना गुलियानी 

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