Meena's Diary
शुक्रवार, 15 मई 2020
शायद यही मंजूर था
शायद यही मंजूर था
तेरा ही बनके रहना
टूटके शाख से भी
हाथोँ में तेरे रहना
@मीना गुलियानी
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