सोमवार, 18 मई 2020

कुछ तो साजिश होगी खुदा की - कहानी

आज रोशनी रोती  ही जा रही थी चुप होने का नाम ही नहीं ले रही थी।   आज राम पूना  जा रहा था जो रोशनी के गाँव से करीब हज़ार मील दूर था।   वो यही सोचकर परेशान हो रही थी कि अब वो उससे कैसे मिल पायेगी पता नहीं उसके घर वाले भी उसे दुबारा कभी मिलने की इजाजत भी देंगे या नहीं।   राम ने उसे अपने कंधे का सहारा दिया हुआ था और उसे प्यार से समझा भी रहा था कि ये तो नौकरी है अब ट्राँसफर हुआ है तो जाना तो पड़ेगा ही।   लोगों को नौकरी पाने के लिए कितने यत्न करने पड़ते हैं।   उसे तो अच्छी फर्म में सैक्शन ऑफ़िसर की पोस्ट मिली थी।   रोशनी भी एक फर्म में सहायक के पद पर कार्यरत थी।   दोनों रोज एक ही गली में साथ साथ रहते हुए पले  बड़े हुए और अब नौकरी भी कर रहे थे।   इतने सालों का लम्बा साथ जो अब जुदा होने जा रहा था इसलिए ही रोशनी उदास थी।

  राम ने उसे बहलाने के लिए एक फिल्म देखने के लिए पूछा अगर वो चाहे तो दोनों चलते हैं।   दोनों परिवारों को उनके मेल जोल पर कोई आपत्ति नहीं थी।   अब दोनों फिल्म देखने गए।   बहुत ही रोमांटिक फिल्म थी।   उसमे भी हीरो अपनी हीरोईन को छोड़कर विदेश जा रहा था।   रोशनी को फिर से रोना आ गया अब तो राम ने उसका हाथ अपने हाथों में लेकर चुप कराया।   धीरे धीरे वो शांत हुई।   मध्यांतर में दोनों ने कॉफ़ी पी और पॉप कॉर्न खाये।   राम एक एक करके उसके मुँह में डालता जा रहा था।  एक दो बार तो रोशनी ने उसकी अंगुली भी काट ली।   अब धीरे धीरे वो सरक कर उसके बिल्कुल पास आ गई। दोनों की सांसें टकरा रही थीं।   दोनों फिर भी संयमित थे थोड़ी बहुत शरारत तो चल ही जाती है।   आखिर इतना पुराना साथ जो ठहरा। अब फिल्म समाप्त हो गई।   वो भी रोशनी को घर छोड़ने गया।   रोशनी ने उससे बोला खाना खाकर चले जाना।   कल तो तुम चले ही जाओगे।   राम ने कहा - ठीक है पर ज्याद तकल्लुफ न करना जो भी हो हल्का फुल्का  बना लो।  रोशनी ने फटाफट आलू मटर की सब्जी छोंकी और रायता बना लिया और साथ में पूरी तल ली।   अब बड़े प्यार से उसे परोस दिया और राम भी उसकी तारीफ़ करता हुआ खाना खाने लगा।   रोशनी ने राम से वादा करवाया कि वो रोज़ उसको एक फोन करेगा।   राम ने स्वीकार कर लिया।

  राम पूना के लिए सुबह रवाना हो गया।   वहाँ  पहुँचकर उसने रोशनी से फोन पर बात की।   दोनों परिवार वाले भी उन दोनों का आपस में रिश्ता कर  देना चाहते थे।   इस ट्रान्सफर ने दोनों को बिछुड़ने पर मजबूर कर दिया था।  राम की जो टाइपिस्ट थी वो सभी लड़कों को बातों में पटाने में माहिर थी।   सभी ऑफिस के लोग इस बात को जानते थे।   धीरे धीरे राम भी खुद को उससे बचाकर रखने लगा।   सिर्फ काम की ही बात करता था वैसे भी उसके दिल दिमाग पर तो रोशनी ने अपना अधिकार जमाया हुआ था उसे वो किसी और को  कैसे  देता।   एक दिन पूजा ने यानि कि उस टाइपिस्ट ने राम को शाम के लिए अपने घर आने का निमंत्रण दिया कि मेरा जन्मदिन है आपको आना ही पड़ेगा।  राम ने सोचा नई जगह की नौकरी का सवाल है जन्मदिन पर तो बाकी लोग भी तो होंगे।   जब वो उसके घर पहुँचा दो देखकर दंग रह गया इतना भव्य घर सभी उपकरणों से सजा हुआ हुआ था।   हैरान करने वाली यह बात थी कि कोई और नहीं आया था।   पूजा ने बताया और किसी को नहीं बुलाया।   राम को उसने सॉफ्ट ड्रिंक में कुछ मिलाकर दे दिया जिससे उसे चक्कर आया।अब हल्की नींद आने लगी।    पूजा ने जल्दी से उसका हाथ  पकड़ा और खुद को उसके ऊपर गिरा दिया।   यह तो अच्छा हुआ कि ठीक उसी समय रोशनी का फोन राम के पास आया वो जैसे एकदम जैसे  नींद से जागा उसने पूजा को झटके से अपने ऊपर से उठाया और रोशनी से बात करने लगा।   अब जल्दी से वो बाहर आया और एक ऑटो रुकवाकर घर चला गया।   दूसरे दिन जब वो ऑफिस आया तो शर्म के कारण पूजा उससे आँखें नहीं मिला पा रही थी।   उसने भी किसी को यह बात नहीं बताई नहीं तो ऐसी बातें फैलते देर नहीं लगती।   कुछ ही दोनों के बाद लॉकडाउन का दिन घोषित हो गया था उसके एक दिन पहले ही वो रोशनी से मिलने उसके घर अचानक पहुँचा।   ख़ुशी के मारे वो तो राम को देखते ही लिपट सी गई। अब दोनों परिवारों ने भी इनकी शादी कराने का विचार बनाया ताकि जब वो वापिस जाए तो अपनी दुल्हन को भी साथ लेकर जाए।   ऐसा लगता है की पूजा से दूर करके रोशनी से  राम को मिलाने में कुछ तो साजिश उस खुदा  की भी रही होगी।   तभी तो वो उसके पास आ सका और सारा घटनाक्रम इसी तरह से चला कि वो हमेशा के लिए रोशनी का हो गया।
@मीना गुलियानी 

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