सोमवार, 22 जून 2020

जलती धरती मन मेरा

जलती धरती मन मेरा
सूरज का है इस पर पहरा
छाई है बदरिया काली
बरसे आंगन चले पुरवाई
महके उपवन फूला गुलशन
हर आंगन में खिले फूल
डाली डाली हुई मतवाली
चंदा आये चाँदनी साथ
थामे वो धरा का हाथ
अपनी चांदनी को बिखराये
सब लोग झूमे नाचे गायें
@मीना गुलियानी 

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