बुधवार, 17 जून 2020

सुबह की लाली

सुबह की लाली ख़ुशी का कमल खिलाती है
दिल में आशा विश्वास का फूल खिलाती है
मन में उमंगों की हर पल बरसात करती है
आशाओं का नूतन ये संसार भी  रचती है
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें