याद ही बाकी है
तुम तो चले गए
मुझको अकेला छोड़
मेरी जिंदगी में न कोई मोड़
तेरी यादें ही दिल में बसती हैं
जमाने की न कोई हस्ती है
तुम थे तो स्वर्ग के थे नज़ारे
अब तो सिर्फ नफरत भरा
जहाँ है मेरा कोई न यहाँ है
कहाँ आवाज़ दूँ तू कहाँ है
@मीना गुलियानी
तुम तो चले गए
मुझको अकेला छोड़
मेरी जिंदगी में न कोई मोड़
तेरी यादें ही दिल में बसती हैं
जमाने की न कोई हस्ती है
तुम थे तो स्वर्ग के थे नज़ारे
अब तो सिर्फ नफरत भरा
जहाँ है मेरा कोई न यहाँ है
कहाँ आवाज़ दूँ तू कहाँ है
@मीना गुलियानी
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