गुरुवार, 9 जुलाई 2020

आसमां अनन्त है

आसमां अनन्त है इसकी कोई सीमा नहीं है
हम भी पंछियों की तरह उड़ान भर सकते हैं
इस शरीर में कल्पनाओं का समुद्र लहराता है
हम हिम्मत हौंसला और कल्पना से उस उड़ान
को पंख फैलाकर उड़ सकते हैं पर इसमें भी
सदैव ईश्वर का सर पर हाथ होना जरूरी है
@मीना गुलियानी 

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