बुधवार, 21 अक्तूबर 2020

तर्ज़ --ये मुलाक़ात इक बहाना है (भेंट )

तेरा मेरा साथ माँ पुराना है    

नाता ये प्रेम का निभाना है 


तू मेरी माँ जगत की जननी है 

तेरे चरणों में ही ठिकाना है ----


तूने लाखों को भव से तारा है 

खड़ा तेरे दर पे इक दीवाना है ------


मैया तेरा हमें सहारा है 

दिल तुझे भेंट माँ चढ़ाना है -------


तेरी नज़रें खफ़ा कभी न हों 

मुझको इनमें ही तो समाना है -------

@मीना गुलियानी  

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