शुक्रवार, 9 अक्तूबर 2020

तर्ज़ --दिल के अरमां -- भेंट

दिल का दुखड़ा माँ सुनाने आ गया         
हाले  दिल तुमको बताने आ गया 

चर्चे तेरे नाम के दोनों जहाँ 
सुनके तेरे मैं तराने आ गया -----

दुनिया ने मुझपे सितम लाखों किये 
खुद को अब तो मैं मिटाने आ गया -----

सर पे पापों की गठरिया को लिए 
लगता है अब तो ठिकाने आ गया -------
@मीना गुलियानी 

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