शनिवार, 21 नवंबर 2020

हासिल हो भी जाए तो क्या

हासिल हो भी जाए तो क्या 

जब सुरूर मिट गया आये साकी तो क्या 

बर्बाद तो हो ही चुके हम नशेमन से क्या 

बागबां लुट गया चंद फूलों से क्या 

@मीना गुलियानी  

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