Meena's Diary
सोमवार, 25 जनवरी 2021
नवदीप जलाएँ
आज सुबह से ठण्डक कुछ बढ़ गई है
कोहरे की चादर उस पर भी पड़ गई है
अपने प्यार की गर्माहट उसमें भर दें
मन की कटुता मिटा रिश्ते जीवंत कर दें
फिर से बुने सपने संवेदना जगायें
अन्धकार को मिटाकर नवदीप जलाएँ
@मीना गुलियानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें