गुरुवार, 23 अप्रैल 2015

गुरुदेव के भजन-114 (Gurudev Ke Bhajan114)




बाबा जी मेरी लाज अब तेरे ही हाथ में है 
मेरी नैया की पतवार अब तेरे ही हाथ में है 

सबके दिलों के अरमां तुम ही तो पूरे करते 
सबकी झोलियाँ भी रहमत से अपनी भरते 
मेरे तो तुम खिवैया मंझधार साथ में है 

आए जो दुखिया दर पे आँखों में लेके आंसू 
हर लेते उसके दुःख को और पोंछ देते आंसू 
तेरा ही आसरा है तकदीर तेरे हाथ है 

करुणा दया के बाबा रहते ख़ज़ाने खोले 
करना तू मुझपे कृपा न मेरा मनवा डोले 
तेरे नाम को ध्याऊँ जो करता भव से पार है 



________________________________******____________________________________

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें