बुधवार, 29 अप्रैल 2015

गुरुदेव के भजन-165 (Gurudev Ke Bhajan165)




बाबा जी तेरी आस लगाई तू जाने और तेरी खुदाई
 किस्मत ने तो कांटे बिछाए तूने ही नैया पार लगाई 

सुना है तुम हरते दुखड़े सभी के 
,दिल कैसे सम्भले जो वश में किसी के 

माया और मोह ने हमको घेरा 
काटो ये बंधन चौरासी का घेरा 

है टूटा दिल न तू ठोकर लगाना 
शरण में आये हमें अपनाना 

दुनिया ने लूटा हमें दुःख ने घेरा 
बाबा बचाओ सहारा है तेरा 


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