शनिवार, 11 अप्रैल 2015

गुरुदेव के भजन-32 (Gurudev Ke Bhajan-32)



सुनके मै नाम तेरा आया तेरे द्वार बाबा, दीनों के दयाल बाबा  आप है


तुम हो दयालु बाबा जग के खिवैया मंझधार में है बाबा मेरी ये नैया
तेरे सिवा बाबा मेरा कोई नहीं है फिर क्यों तूने इतनी  देर करी है


तेरी दया से सारे दुःख मिट जाएं ,बैठा हूँ मै यही आस लगाये 
रटूँगा मै नाम तेरा जब तक सांस है इसके सिवा नहीं और काम है 


तू चाहे कितनी भी देर लगा दे ,नहीं बदलेंगे बाबा मेरे इरादे 
तेरे दरबार में देर ज़रूर है पर दुखियों की बाबा सुनता ज़रूर है 


जो भी नर-नारी मेरे बाबा जी को ध्याये ,इनकी कृपा से सब दुख मिट जाएं 
बाबा जी का दास हूँ करता प्रणाम हूँ महिमा सुनाऊँ इनकी यही मेरा काम है 


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