ओ भक्तो रे बाबा से सन्देशा मेरा कहना , दिल मेरा तरसे है नैना ये बरसे है,
चैन मुझको पड़े ना
पल पल बाबा तुमको पुकारू रूह मेरी है प्यासी
तेरे दर्श को अखियाँ तरसें हरदम रहे उदासी
दिल को न तरसाओ दर्श दिखा जाओ
और कुछ भी चाहूँ न
तुम बिन मेरी कौन सुनेगा जाऊं किसके द्वारे
कोई नहीं अपना देखा सबको आई हूँ तेरे सहारे
शरण पड़ी तेरी न करना अब देरी
आस की साँझ ढले ना
कोई नहीं अपना जग सारा इक सपना झूठी है दुनिया सारी
दुखिया को सारे ठोकर मारे इस जग के नर नारी
काटो मेरे बंधन जीवन तेरे अर्पण
सांस यू वृथा चले ना
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