सोमवार, 13 अप्रैल 2015

गुरुदेव के भजन-40 (Gurudev Ke Bhajan-40)




सतगुरु तेरे नाम को रटते बीती रे उमरिया , युग बीते तेरी राह को तकते कब लोगे खबरिया 

भरम के मारे सतगुरु हम  तो फँस गए मायाजाल में 
आकर काटो बंधन हमरे,हो गए हम बेहाल रे ,
दर्शन के बिन अखियाँ बरसे ज्यों काली बदरिया 


दर्शन के ये नैन प्यासे हरदम तुमको ध्याते है
 बाबा आओ दर्श  दिखाओ चैन कहीं नहीं पाते है 
कब सुध लोगे सतगुरु मोरी, हो गई मै बावरिया 


बेदर्दी दुनिया ने मुझको उलझाया मोहजाल में 
डूबे जल में उबरे कैसे सतगुरु करो सम्भाल रे 
तेरे बिना अब कौन सुनेगा जाऊं किस नगरिया 


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