सतगुरु तेरे नाम को रटते बीती रे उमरिया , युग बीते तेरी राह को तकते कब लोगे खबरिया
आकर काटो बंधन हमरे,हो गए हम बेहाल रे ,
दर्शन के बिन अखियाँ बरसे ज्यों काली बदरिया
बाबा आओ दर्श दिखाओ चैन कहीं नहीं पाते है
कब सुध लोगे सतगुरु मोरी, हो गई मै बावरिया
डूबे जल में उबरे कैसे सतगुरु करो सम्भाल रे
तेरे बिना अब कौन सुनेगा जाऊं किस नगरिया
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