सोमवार, 13 अप्रैल 2015

गुरुदेव के भजन-46 (Gurudev Ke Bhajan-46)



मै दर तेरे पे आया बाबा जी , तू नैया पार लगा देना
विनती सुन लो बाबा जी , मुझे तू न ठुकरा देना
मै हूँ पापी अज्ञानी महिमा तेरी सबने जानी

गले से लगाओ बाबा जो भी शरण तुम्हारी आये
भूलें सारी बक्शो हमारी  हम तो है घबराये

चरणों में जगह दो बाबा जग के बड़े सताए
डगमग डोले नैया मोरी भंवर में डूबी जाए


अब तो तारो बाबा हमको चक्र चौरासी के खाए
मुक्तिदान दो बाबा हमको फिर जन्म न पाये 


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