सोमवार, 13 अप्रैल 2015

गुरुदेव के भजन-47 (Gurudev Ke Bhajan-47)




तेरे दर्शन बिना भी क्या है जिन्दगानी ओ बाबा मेरे करो मेहरबानी 
ओ बाबा मेरे सुनो मेरी कहानी 

बाबा जी हम तो है तेरे पुजारी , पापों में हमने सारी जिंदगी गुजारी 
अब सम्भालो की हमसे हुई है नादानी 

कर्मो के बंधन ने हमको है जकड़ा ,मोहमाया ने भी हमको पकड़ा 
पाया जीवन तो बन गए हम अभिमानी 

बाबा जी मोक्ष की राह दिखाओ , नैया हमारी पार  लगाओ 
मेरी बिगड़ी भी आखिर तुझे है बनानी 

यही विनती है सदा दर्श मै पाऊँ ,चरणों की धूलि माथे पे लगाऊँ 
तेरे दर पे गुजर जाए यूं ही जिंदगानी 


_____________________________________********___________________________________

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें