बुधवार, 22 अप्रैल 2015

गुरुदेव के भजन-107 (Gurudev Ke Bhajan107)




मै तेरे दर आया तू न ठुकरा ,मै चरणों में पड़ा हूँ तू उठा 
मै भूलूँ तुझे न तू मुझको भुला 

तेरी लगन में मन है मगन मेरा सदा शाम सवेरे 
सदा दिल चाहे गुण तेरे गाउँ दर पे लगालू मै डेरे 
तू स्वामी है मेरा  - मै दासी हूँ तेरी 
ये ज़िंदगी है तेरे हवाले 

दर तेरे आऊँ भजन मै गाउँ भूलूँ कभी न मै तुमको
मनवा है मोर भया दिल है चकोर भया तरसे तेरे दर्श को 
मै तेरी हूँ दासी  - रहूँ क्यों उदासी 
तू हाल मेरे मन का जाने 

दिल में उमंग जागी मन में तरंग जागी नाचूँ मै होके बावरिया 
दिल में बसाई तस्वीर तेरी तू ही है मोरा सांवरिया 
तू है मेरा कृष्णा - मिटा दे तू तृष्णा 
तू नाम का प्याला पिला दे 


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