सोमवार, 25 मई 2015

13 माता की भेंट ( 13 )

आ जा रे आ जा रे
 आ जा ओ मेरी मैया आ जा आके दर्श दिखा जा रे 

गम से भरी इस दुनिया में मेरा कोई नही हे सहारा 
इत उत डोले नैया मेरी मिलता नही है किनारा 
आ जा रे आ जा ओ  मेरी मैया आ जा तू ही पार लगा जा रे 

दर्शन की लेकर आस हे मैया कबसे खड़ा द्वारे 
अब तो दे दे दर्श तू अम्बे हम है भक्त तुम्हारे 
आ जा रे आ जा  ओ मेरी अम्बा आ जा आके दर्श दिखा जा रे 

लाखों पापी तूने तारे मेरी भी बिगड़ी बनाना 
तेरे चरणो की धूल  हूँ माँ मुझे न कभी भुलाना 
आ जा रे आ जा  ओ मेरी अम्बा आजा आके बिगड़ी बना जा रे 

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